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What Is Vadi, Samvadi, Pakad, Sthayi, Antra, Taan In Ragas Hindi

हेलो गाइस कैसे है आप सभी, मुझे पता है आप सभी एक दम बढ़िया ही होंगे और संगीत अच्छे से सीख रहे होंगे। तो आजका आर्टिकल सभी musicians के लिए काफी इम्पोर्टेन्ट होने वाला है क्योकि आज हम इंडियन क्लासिकल म्यूजिक के काफी इम्पोर्टेन्ट टॉपिक्स के बारे में जानकारी लेंगे जैसे की आरोह, अवरोह, पकड़, इस्थाइ, आन्तरा, तान आदि। और इन सभ चीजो की जानकारी होना आपके लिए बहुत जरूरी है।

अगर आप एक अच्छा सिंगर बनना चाहते है तो आपको इंडियन राग के बारे में जानकारी होना ही चाहिए यह हम पहले जान चुके है और अगर आपको राग को अच्छे से गाना है तो आपको आरोह, अवरोह, पकड़, इस्थाइ, आन्तरा, तान आदि की जानकारी होना चाहिए। तो मेरा मतलब यह है की हर चीज़ एक दूसरे से जुडी है तो आपको हमारी दी गयी सभी चीजो को अच्छे से समझना होगा। तो दोस्तों चलिए सभी चीजो के बारे में एक – एक करके जानते है।

What is Vadi and Samvadi Swar

तो दोस्तों सबसे पहले हम जानते है वादी स्वर के बारे में, गाइस जिस स्वर पर पूरे राग में सबसे ज्यादा बार आया जाता है या सबसे ज्यादा समय तक रुका जाता है उसे वादी स्वर कहते है। वादी स्वर को पेहचानके लोग राग कोनसा है यह पहचान लेते है और वादी स्वर के बिना कोई भी राग बनाया नहीं जा सख्ता।

चलिए अब हम जानते है सम्वादी स्वर के बारे में, दोस्तों सम्वादी स्वर भी वादी स्वर की तरह रहता है। जिस स्वर को वादी स्वर के बाद सबसे ज्यादा बार बजाया जाता है या सबसे ज्यादा समय तक रुका जाता है उसे सम्वादी स्वर कहते है। दोस्तों वादी स्वर और सम्वादी स्वर दोनों काफी हद तक एक जैसे है तो मुझे उम्मीद है आपको समझने में दिक्कत नहीं आयी होगी और आपको दोनों के बारे में पता चल गया होगा।

What Is Pakad In Indian Raga

चलिए गाइस अब हम जानते है पकड़ क्या होती है इंडियन राग में, तो दोस्तों पकड़ एक तरह से कुछ स्वर का कॉम्बिनेशन रहता है जिसे बजाकर हम लोगो को बता सख्ते है की यह कोनसा राग बज रहा है। अगर कही भी आपने किसी भी राग की पकड़ बजा दी, और आप कोई और राग बजा रहे है तो यह एक गलती मानी जायेगी, तो दोस्तों आपको यह गलती बिलकुल नहीं करना है।

दोस्तों अगर आपको अभी भी समझ नहीं आया है की पकड़ क्या होती है राग में तो में आपको एक एक्साम्प्ले देके समझाता हूँ, जैसे की आपने यह बजाय नि रे ग, ग रे ग म प रे, नि रे सा तो जो भी लोग राग सुन रहे वह तुरंत समझ जाएंगे की आप राग यमन बजा रहे है और सभी लोग आपके राग को काफी अच्छे से सुनने लगेंगे। तो दोस्तों मुझे उम्मीद है इस एक्साम्प्ले से आप समझ गए होंगे की पकड़ क्या होती है।

What Is Sthayi And Antra In Indian Raga

चलिए अब हम जानते है स्थायी क्या होता है रागो में, तो दोस्तों स्थायी किसी भी राग का शुरुवाती पार्ट रहता है, या आप इसे इस तरह समझ सख्ते है की किसी भी राग की शुरुवाती लाइन्स को स्थायी कहते है और स्थायी को शुरुवात में कम से कम दो बार तो बजाया ही जाता है। दोस्तों किसी भी राग के स्थायी के स्वर हमेशा मंद्र सप्तक से शुरू होंगे और मध्य सप्तक तक जाएंगे यह बातको आपको अच्छे से याद करना होगा। तो गाइस मुझे भरोसा है की आपको समझ आया होगा की स्थायी क्या होता है इंडियन राग में।

तो दोस्तों अब बारी आती है की अंतरा क्या होता है रागो में, तो गाइस सबसे शार्ट में कहु तो अंतरा स्थायी के बाद बजाने वाले पार्ट को कहते है, और इसे भी कम से कम दो बार बजाया जाता है। और दोस्तों अंतरा के शुरुवात हमेशा मध्य सप्तक से शुरू होंगे और तार सप्तक तक जाएंगे, इस बात को भी आपको याद रखना होगा। दोस्तों मुझे उम्मीद है आपको समझ में आ गया होगा की अंतरा क्या होता है रागो में, तो चलिए अब अगली चीज़ के बारे में जानते है।

What Is Taan In Indian Raga

दोस्तों रागो में तान कुछ अलंकार या कुछ स्वरों को आधी स्थायी या आधे अंतरा के बाद बजाने वाले पार्ट को कहते है। दोस्तों ज्यादातर ताने 8 मात्रा या 16 मात्रा की होती है और बाकी आप कितनी भी मात्रा की ताने अपने हिसाब से बना सख्ते है। गाइस कभी भी स्थायी की ताने और अंतरे की ताने एक जैसी नहीं रहेगी इस बात का आपको ध्यान रखना होगा।

दोस्तों आपको इस बात का भी ध्यान रखना होगा की आपको कभी भी शुरुवात ही में ताने बजाने नहीं लगना है आपको पहले स्थायी को अच्छे से बजा लेना है फिर आपको अंतरे को अच्छे से बजा लेना है फिर आपको स्थायी के साथ उसकी तानो को बजा लेना है और फिर अंतरे के साथ उसकी तानो को बजा लेना है यह एक प्रॉपर स्ट्रक्चर होता है रागो का।

Some Other Things In Indian Ragas

चलिए गाइस अब कुछ और चीज़ो के बारे में बात कर लेते है, आपने आरोह – अवरोह के बारे में सुना होगा चलिए में उसके बारे में बता देता हूँ। दोस्तों जब आप राग में नीचे वाले स्वर से ऊपर वाले स्वर पर जाते हो तो इनमे आप कौन – कौन से स्वर लगा सख्ते हो इसे आरोह कहते है और ठीक इसी तरह आप राग में ऊपर वाले स्वर से नीचे वाले स्वर पर जाते हो तो इनमे आप कौन – कौन से स्वर लगा सख्ते हो इसे अवरोह कहते है। उम्मीद है आपको आरोह – अवरोह समझ में आ गया होगा।

दोस्तों आपने तिहाई के बारे में सुना होगा राग में, तो जब आपको राग को ख़त्म करना रहता है तब आप कुछ स्वरों का उपयोग करके उसे तीन बार बजाके राग को ख़त्म करते है। उम्मीद है आप तिहाई को अच्छे से समझ गए होंगे। तो यह था रागो में उपयोग की जाने वाली सभी चीज़ो के बारे में explanation , उम्मीद है आपको यह आर्टिकल बहुत पसंद आया होगा और आपने काफी कुछ सीखा होगा। तो दोस्तों चलिए अब अगले आर्टिकल में मिलते है bye:)

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