तो गाइस आजका आर्टिकल हमारे सभी म्यूजिशियन भाइयो और बहनो के लिए है। तो आज हम चार इंडियन क्लासिकल रागस के बारे में जानेंगे जो हमारे सभी बिगिनर्स बजा सख्ते है। दोस्तों मैंने काफी बिगिनर्स को देखा है जो शुरुवात से ही मुश्किल रागस बजाने का प्रयास करते है। तो ऐसा करने की वजह से वह न तो वह राग अच्छे से बजा पाते है और न ही कुछ सीख पाते है। तो दोस्तों आपको ऐसी गलती नहीं करना है, और पहले नीचे दिए गए रागस को बजाने का प्रयास करे और इसे बाद ही मुश्किल रागस बजाने की कोशिश करे। तो दोस्तों चलिए उन पांच रागस के बारे में जानते है।
1. Raga Bhopali/Bhoop
तो हमारा पहला राग है राग भोपाली जिसे कई लोग राग भूप भी कहते है। तो इस राग को मैंने सबसे पहले सीखने में इसलिए रखा है क्योकि इस राग में सिर्फ पांच स्वर आते है जो है सा, रे, ग, प, ध, और यह सभी स्वर को बजाने में बिगिनर्स को ज्यादा दिक्कत नहीं जाती यह मैंने देखा है। और दोस्तों यह राग काफी ज्यादा प्रचलित भी है और काफी पहाड़ी धुन के स्वर भी राग भूप के स्वरों से मैच करते है।
चलिए अब इस राग के बारे में अच्छे से जानते है। तो राग भोपाली में उपयोग होने वाले स्वर है सा, रे, ग, प, ध, जो में आपको पहले ही बता चुका हूँ और इस राग का ठाट कल्याण है। राग भोपाली का आरोह है – सा रे ग प ध सा और अवरोह है – सा ध प ग रे सा, इस इस राग को बजाने का समय है रात्रि का प्रथम प्रहर है और इस राग का वादी स्वर ग है और सम्वादी स्वर ध है। इस राग में म और नी वर्जित है। तो यह थी कुछ जानकारी राग भोपाली/भूप के बारे में।
2. Raga Yaman
दोस्तों राग भोपाली की अच्छे से प्रैक्टिस करने के बाद आप राग यमन की प्रैक्टिस कर सख्ते है। गाइस राग यमन बाकी राग के मुताबिक़ काफी ज्यादा प्रचलित है क्योकि इस राग पर काफी सारे बॉलीवुड सांग बन चुके है जैसे की आये हो मेरी ज़िन्दगी में, अभी न जाओ छोड़ कर, चन्दन सा बदन चंचल चितवन, आदि।
इस राग में जो सुर लग रहे है वह है सा, रे, ग, म’, प, ध और नी, दोस्तों ध्यान रहे इसमें सभी जगह तीव्र म का उपयोग हो रहा है। यह राग कल्याण ठाट पर है जिसके कारण कई लोग इसे राग कल्याण भी कहते है। इस राग का आरोह कुछ इस प्रकार है – सा रे ग म’ प ध नी सा और अवरोह कुछ इस प्रकार है – सा, नी, ध, प, म’, ग, रे, सा। राग यमन का वादी स्वर ग है और सम्वादी स्वर नी है और इसे बजाने का समय भी रात्रि का प्रथम प्रहर है।
3. Raga Hamsanandhi
गाइस इस राग की तारीफ के लिए में बस इतना ही कहना चाहूंगा की आपने कृष धुन तो सुनी ही होगी, तो यह धुन राग हंसनंधी पर बेस्ड है। कई लोग कृष धुन को सुनकर मदहोश हो जाते है और क्रृष मूवी भी इस धुन की वजह से काफी पॉपुलर हुई है।
बहुत तारीफ हो गयी इस राग के बारे में, तो चलिए अब इस राग के बारे में कुछ जरूरी जानकारी ले लेते है। इस राग में भी पांच स्वर का उपयोग हुआ है रहा भोपाली जैसे, तो वह पांच स्वर कुछ इस प्रकार है सा, रे, ग, प और नी। इस राग का ठाट बिलावल है और इसे बजाने का समय रात्रि का दूसरा प्रहर है। इसके आरोह – अवरोह कुछ इस प्रकार है – सा रे ग प नी सा , सा नी प ग रे सा । इस राग में म और ध वर्जित है। यह थी जानकारी राग हंसनंधी के बारे में, उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आयी होगी।
4. Raga Shivranjini
तोारा आखरी राग जिसका हमे रियाज़ करना है वह है राग शिवरंजिनी। दोस्तों जैसा की इसका नाम है ठीक वैसा ही इसका काम है, यानेकी राग शिवरंजिनी भगवान शिव की आराधना के लिए उपयोग किया जाता है और हाँ दोस्तों राग शिवरंजिनी का अगर आप अच्छे से रियाज़ करेंगे तो आपको ऐसा महसूस होगा की आप भगवान शिव के पास पहुंच गए है। शर्त यह है की आपको पूरी श्रद्धा से इस राग को बजाने की कोशिश करना है।
इस राग के सुर काफी ज्यादा राग भोपाली से मेल खाते है, फर्क बस इतना है की इस राग में शुद्ध ग की जगह कोमल ग का उपयोग होता है। तो इस राग के सुर कुछ इस प्रकार है सा, रे, ग(कोमल), प, ध। राग शिवरंजिनी के आरोह – अवरोह कुछ इस प्रकार है – सा रे ग(कोमल) प ध सा, सा ध प ग(k) रे सा। इस राग का ठाट काफी है और इसे बजाने का समय आधी रात है और इसका वादी स्वर प है और सम्वादी स्वर सा है। तो इन सभी बातो को ध्यान में रखकर आप इस राग को बजा सख्ते हो।
Full Information In Short
चलिए अब इस आर्टिकल को हम संक्षेप में सखने की कोशिश करते है। तो सबसे शुरू में हमे बताया गया की हमे मुश्किल राग की जगह पहले आसान राग बजाना सीखना चाहिए। इसके बाद हमने राग भोपाली के बारे में जाना की राग भोपाली में 5 स्वर का उपयोग होता है और वह सभी स्वर कुछ इस प्रकार है सा रे ग प ध।
फिर हमने राग यमन के बारे में जाना की राग यमन में सात स्वर का उपयोग होता है जिसमे छे: शुद्ध स्वर स्वर है और एक तीव्र स्वर है और वह तीव्र स्वर म है। फिर इसके बाद हमने राग हंसनंधी की जानकारी ली की राग हंसनंधी में म और ध वर्जित है और बाकी सभी स्वर शुद्ध है। और फिर आखिर में हमने राग शिवरंजिनी के बारे में जाना की राग शिवरंजिनी के कोमल ग को छोड़ दे तो बाकी सभी स्वर राग भोपाली के जैसे है। तो यह थी इन सभी रागो की जानकारी संक्षेप में उम्मीद है आपको पसंद आयी होगी
Conclusion
तो दोस्तों अगर आपको इन सभी रागो के बारे में डिटेल जानकारी चाहिए तो आप हमे कमेंट करके कह सख्ते है हम जरूर इन सभी रगो पर एक डिटेल आर्टिकल डालने की कोशिश करेंगे। प्लीज कृपया करके हमारे आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और अपना सहयोग दे। तो गाइस मिलते है किसी और नए आर्टिकल पर जब तक के लिए गुडबाय ।